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आज सुबह प्रदेश कांग्रेस के एक सीनियर लीडर से मुलाकात हुई। कांग्रेस की दशा-दिशा पर शुरू हुई चर्चा कार्ति चिदंबरम के उस बयान पर जा टिकी जिसमें उन्होंने कहा है कि कांग्रेस समेत सभी पार्टियां कुछ लोगों की संपत्ति बनकर रह गई है। कार्ति देश के पूर्व गृह व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम के बेटे हैं। उनपर यूपीए सरकार में गलत तरीके से पैसे कमाने का आरोप लगा है। चिदंबरम का नाम आते ही कांग्रेस नेता की आंखों में चमक आ गई। बोले, आज की तारीख में भारतीय राजनीति में चिदंबरम जैसा पढ़ा-लिखा दूसरा शख्स नहीं है। आर्थिक से लेकर कानूनी विषयों की गहराई से समझ रखने वाला। वह किसी भी विषय पर कैलकुलेटेड एप्रोच रखते हैं। टू द प्वायंट बात करते हैं। फिर इसपर अफसोस जताया कि प्रणब मुखर्जी को राष्ट्रपति बनाकर उन्हें कांग्रेस की राजनीति से किनारा कर दिया गया। वह गूढ़ राष्ट्रीय विषयों की समझदारी व वक्तृत्व कला में चिदंबरम को प्रणब मुखर्जी के बाद रखते हैं। चूंकि प्रणब दा राष्ट्रपति की कुर्सी पर हैं, इसलिए मेरे दोस्त कांग्रेस नेता ने भारतीय राजनीति में चिदंबरम को नंबर एक पायदान पर बैठाया। फिर कहा, यह कांग्रेस का मॉन्यूमेंटल ब्लंडर था कि उसने प्रणब मुखर्जी को अध्यक्ष की कुर्सी नहीं सौंपी। आज प्रणब दा कांग्रेस को लीड कर रहे होते तो स्थिति विपरीत होती। वह प्रणब मुखर्जी की काबिलियत का किस्सा सुनाते हैं। बताते हैं, एक बार दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में कांग्रेस का अखिल भारतीय अधिवेशन चल रहा था। प्रणब दा बिल्कुल लो प्रोफाइल रहते हुए एक कोने में बैठे सभी वक्ताओं की बातों को नोट डाउन कर रहे थे। उन्हें कान्क्लूडिंग स्पीच देना था। जब वह बोलने खड़े हुए तो पता चला कि इस शख्सियत में देश के सभी ज्वलंत विषयों की कितनी व्यापक समझ है और वे उन बातों को कितने सरल-सहज तरीके से प्रस्तुत करते हैं। समस्याओं के समाधान के साथ। उन्होंने अधिवेशन में बोलने वाले सभी कांग्रेस नेताओं के संबोधन का सार संक्षेप प्रस्तुत किया और ऐसे रोचक तरीके से कि पूरे स्टेडियम में पिन ड्रॉप साइलेंस की स्थिति आ गई। मेरे दोस्त ने कहा, झारखंड ही नहीं, हिन्दुस्तान के कमोबेश हर प्रदेश में कांग्रेस का ग्राफ तेजी से नीचे जा रहा है। इसके साथ जमशेदपुर का संदर्भ जोड़ दें तो कांग्रेस की तस्वीर और साफ हो जाएगी। जिला कांग्रेस अध्यक्ष ने टिमकेन कंपनी का घेराव करने का एलान किया तो टिमकेन के कर्मचारी प्रदेश कांग्रेस सचिव रहे नेताजी ने उस कंपनी पर धावा बोल दिया जहां जिलाध्यक्ष काम करते हैं। अर्थात लाफार्ज सीमेंट प्लांट पर। एक ही दिन दो स्थानों पर कांग्रेसी जुटे और विभिन्न मांगों को लेकर कंपनियों का गेट जाम किया। किसने किस कंपनी प्रबंधन के इशारे पर ऐसा किया, इसे समझने के लिए आप माथापच्ची कर लें। वैसे जवाब सरल है और कांग्रेस कहां जा रही है, यह समझना और आसान।
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